साँचा:भारत पृष्ठ कृषि
फ़सल/फ़सल समूह | राज्य | उत्पादन (मिलियन टन) | देश के कुल उत्पादन का प्रतिशत |
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चावल | पश्चिम बंगाल | 14.72 | 15.22 |
आंध्र प्रदेश | 13.32 | 13.78 | |
उत्तर प्रदेश | 11.78 | 12.18 | |
गेहूँ | उत्तर प्रदेश | 25.68 | 32.68 |
पंजाब | 15.72 | 20.01 | |
हरियाणा | 10.24 | 13.03 | |
मक्का | आंध्र प्रदेश | 3.62 | 19.09 |
कर्नाटक | 3.25 | 17.14 | |
राजस्थान | 1.96 | 10.34 | |
मोटे अनाज | राजस्थान | 7.12 | 17.47 |
महाराष्ट्र | 7.09 | 17.4 | |
कर्नाटक | 6.94 | 17.03 | |
दालें | महाराष्ट्र | 3.02 | 20.46 |
मध्य प्रदेश | 2.45 | 16.6 | |
आंध्र प्रदेश | 1.7 | 11.52 | |
खाद्यान्न | उत्तर प्रदेश | 42.09 | 18.24 |
पंजाब | 26.82 | 11.62 | |
आंध्र प्रदेश | 19.3 | 8.36 | |
तिलहन | |||
मूंगफली | गुजरात | 3.3 | 35.95 |
आंध्र प्रदेश | 2.6 | 28.32 | |
तमिलनाडु | 1.05 | 11.44 | |
रेपसीड व सरसों | राजस्थान | 2.36 | 40.48 |
उत्तर प्रदेश | 1 | 17.15 | |
हरियाणा | 0.6 | 10.29 | |
सोयाबीन | मध्य प्रदेश | 5.48 | 49.95 |
महाराष्ट्र | 3.98 | 36.28 | |
राजस्थान | 1.07 | 9.75 | |
सूरजमुखी | कर्नाटक | 0.59 | 40.41 |
आंध्र प्रदेश | 0.44 | 30.14 | |
महाराष्ट्र | 0.2 | 13.7 | |
तिलहन | मध्य प्रदेश | 6.35 | 21.34 |
महाराष्ट्र | 4.87 | 16.36 | |
गुजरात | 4.73 | 15.89 | |
नकदी फ़सलें | |||
गन्ना | उत्तर प्रदेश | 124.67 | 35.81 |
महाराष्ट्र | 88.44 | 25.4 | |
तमिलनाडु | 38.07 | 10.93 | |
कपास[१] | गुजरात | 8.28 | 31.99 |
महाराष्ट्र | 7.02 | 27.13 | |
आंध्र प्रदेश | 3.49 | 13.49 | |
जूट व मेस्ता[२] | पश्चिम बंगाल | 8.29 | 73.95 |
बिहार | 1.46 | 13.02 | |
असम | 0.68 | 6.07 | |
आलू | उत्तर प्रदेश | 9.99 | 41.77 |
पश्चिम बंगाल | 7.46 | 31.21 | |
बिहार | 1.23 | 5.16 | |
प्याज़ | महाराष्ट्र | 2.47 | 28.44 |
गुजरात | 2.13 | 24.52 | |
कर्नाटक | 0.87 | 10.02 |
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। कृषि क्षेत्रों में लगभग 64% श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है। 1950-51 में कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 59.2% था जो घटकर 1982-83 में 36.4% और 1990-91 में 34.9% तथा 2001-2002 में 25% रह गया। यह 2006-07 की अवधि के दौरान औसत आधार पर घटकर 18.5% रह गया। दसवीं योजना (2002-2007) के दौरान समग्र सकल घरेलू उत्पाद की औसत वार्षिक वृद्धि पद 7.6% थी जबकि इस दौरान कृषि तथा सम्बद्ध क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि दर 2.3% रही। 2001-02 से प्रारंभ हुई नव सहस्त्राब्दी के प्रथम 6 वर्षों में 3.0% की वार्षिक सामान्य औसत वृद्धि दर 2003-04 में 10% और 2005-06 में 6% की रही।
देश में राष्ट्रीय आय का लगभग 28% कृषि से प्राप्त होता है। लगभग 70% जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। देश से होने वाले निर्यातों का बड़ा हिस्सा भी कृषि से ही आता है। ग़ैर कृषि-क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में उपभोक्ता वस्तुएं एवं बहुतायत उद्योगों को कच्चा माल इसी क्षेत्र द्वारा भेजा जाता है।
भारत में पाँचवें दशक के शुरुआती वर्षों में अनाज की प्रति व्यक्ति दैनिक उपलब्धता 395 ग्राम थी, जो 1990-91 में बढ़कर 468 ग्राम, 1996-97 में 528.77 ग्राम, 1999-2000 में 467 ग्राम, 2000-01 में 455 ग्राम, 2001-02 में 416 ग्राम, 2002-03 में 494 ग्राम और 2003-04 में 436 ग्राम तक पहुँच गई। वर्ष 2005-06 में यह उपलब्धता प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 412 ग्राम हो गई। विश्व में सबसे अधिक क्षेत्रों में दलहनी खेती करने वाला देश भी भारत ही है। इसके बावजूद प्रति व्यक्ति दाल की दैनिक उपलब्धता संतोषजनक नहीं रही है। इसमें सामान्यत: प्रति वर्ष गिरावट दर्ज़ की गई है। वर्ष 1951 में दाल की प्रति व्यक्ति दैनिक उपलब्धता 60.7 ग्राम थी वही यह 1961 में 69.0 ग्राम, 1971 में 51.2 ग्राम, 1981 में 37.5 ग्राम, 1991 में 41.6 ग्राम और 2001 में 30.0 ग्राम हो गई। वर्ष 2005 में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दाल की निवल उपलब्ध मात्रा 31.5 ग्राम तथा 2005-06 के दौरान 33 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति हो गई। भारत में ही सर्वप्रथम कपास का संकर बीज तैयार किया गया है। विभिन्न कृषि क्षेत्रों में आधुनिकतम एवं उपयुक्त प्रौद्योगिकी का विकास करने में भी भारतीय वैज्ञानिकों ने सफलता अर्जित की है।