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मैं तो आपकी ही लेखनी को पुष्ट कर रहा हूँ | "लक्ष्य" की महत्ता वैदिक
ग्रंथो में भी है - प्रणवो धनु: शरोह्यात्मा ब्रह्मतल्लक्ष्य मुच्यते |
(मुण्डकोपनिषद) Kailash Pareek 16:54, 11 जून 2012 (IST)