कोई व्यक्ति जिसने किसी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद धारण किया है, उच्चतम न्यायालय के सिवाय भारत में किसी न्यायालय या किसी प्राधिकारी के समक्ष अभिवचन का कार्य नहीं कर सकता।
कोई व्यक्ति भारत के किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए अर्हित नहीं है, यदि उसने भारत के राज्य क्षेत्र में कम से कम पाँच वर्ष तक न्यायिक पद धारण नहीं किया है।