रहिमन भेषज के किए -रहीम  

‘रहिमन’ भेषज के किए, काल जीति जो जात ।
बड़े-बड़े समरथ भये, तौ न कोऊ मरि जात ॥


अर्थ

औषधियों के बल पर यदि काल को लकहीं जीत लिया गया होता तो, दुनिया के बड़े-बड़े समर्थ और शक्तिशाली मौत के पंजे से साफ बच जाते।


रहीम के दोहे

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=रहिमन_भेषज_के_किए_-रहीम&oldid=548561" से लिया गया