चित्र:Uttnga-And-Mdaynti.jpg
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विवरण (Description) | मदयन्ती का उत्तंग को कुण्डल दान। |
आभार (Credits) | गीता प्रेस गोरखपुर |
अन्य विवरण | उत्तंग की गुरु-भक्ति देखकर गौतम ऋषि ने अपनी कन्या का विवाह इनके साथ कर दिया था। शिक्षा पूरी करने के बाद जब उत्तंग ने गौतम ऋषि से गुरु दक्षिणा के संबंध में पूछा, तो गुरुपत्नी ने सौदास की पत्नी 'मदयंती' के कुंडल लाकर देने को कहा। सौदास नरभक्षी राक्षस था। उत्तंग निर्भय उसके पास पहुंचे। |
फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | प्रयोक्ता | टिप्पणी | |
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वर्तमान | ०९:५६, १४ मई २०१६ | ८५९ × १,३४४ (१.०२ MB) | दीपिका वार्ष्णेय (चर्चा | योगदान) |
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