चित्र:Rishi-Chyavana.jpg
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विवरण (Description) | जाल के साथ नदी में से निकाले गए महर्षि च्यवन |
आभार (Credits) | गीता प्रेस गोरखपुर |
अन्य विवरण | एक बार च्यवन ने महान व्रत का आश्रय लेकर जल के भीतर रहना आरंभ कर दिया। वे गंगा यमुना के संगम स्थल पर रहते थे। वहां उनकी जलचरों से प्रगाढ़ मैत्री हो गयी। एक बार मछवाहों ने मछलियाँ पकड़ने के लिए जाल डाला तो मत्स्यों सहित च्यवन ऋषि भी जाल में फंस गये। नदी से बाहर निकलने पर उन्हें देख समस्त मछवाहे उनसे क्षमा मांगने लगे। |
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फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | प्रयोक्ता | टिप्पणी | |
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वर्तमान | ११:३६, १३ मई २०१६ | १,४७० × १,०६० (६४४ KB) | प्रभा तिवारी (चर्चा | योगदान) |
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