आँखों में धूल झोंकना  

आँखों में धूल झोंकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- इस प्रकार किसी को भ्रमित करना कि उसे भ्रमित होने वाले को सहसा पता न चले।

प्रयोग-

  1. शासन और समाज की आँखों में धूल झोंकने की प्रवीणता लोगों ने पहले ही प्राप्त कर ली थी। - (अखंड ज्योति)
  2. देखिए आप सारी दुनिया को धोखा सदे सकते है पंरतु एक अनुभवी डाक्टर की आँखों में धूल नही झोंक सकते।- (कन्हैयालाल कपूर)
  3. समझ बैठी हो कि पर्दे के पीछे नाटक खेल लिया, तो सबकी आँखों में धूल झोंक ली। - (अजित पुष्कल)
  4. तुम एक पाकिटमार लड़की हो आज तक तुम मेरी आँखों में धूल झोंकती रही हो। - (गुलशन नंदा)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=आँखों_में_धूल_झोंकना&oldid=623712" से लिया गया