अनेकान्त  

अनेकान्त (विशेषण) [न एक एव अन्तः परिच्छेदो यस्य, न. ब.]

  • जो एक रूप से या समान विचार न किया जाता हो या मापा जाता हो; अनिश्चित, जिसके विषय में कुछ निश्चित न हो।-वादिन् (पुल्लिंग) बौद्ध, जैन; सात पदार्थों के अस्तित्व को मानने वाले नास्तिकों का भेद-वाद (पुल्लिंग) स्यात्वाद, आर्हत दर्शन, जैन दर्शन[१]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 52 |

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=अनेकान्त&oldid=685320" से लिया गया