अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसन्धान केंद्र  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसन्धान केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (IRRI SARC) का उद्घाटन किया। यह IRRI SARV का 6वां कैंपस है। यह संस्थान 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में लाभदायक सिद्ध होगा।

अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसन्धान केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (IRRI SARC)

  • इस संस्थान के शिक्षा व प्रशिक्षण अनुभाग द्वारा वैज्ञानिकों तथा कृषकों को नवीन कृषि तकनीकों तथा सतत कृषि के बारे में शिक्षा प्रदान की जायेगी।
  • IRRI SARC में फ़सल की डिजिटल मॉनिटरिंग व मूल्यांकन के लिए प्रयोगशालाएं उपलब्ध होंगी।
  • इस संस्थान में चावल की विभिन्न किस्मों के परीक्षण के लिए प्रदर्शन क्षेत्र की व्यवस्था होगी।
  • इस संस्थान में चावल के मूल्य संवर्धन के लिए सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की व्यवस्था है, इसमें आधुनिक प्रयोगशाला की व्यवस्था होगी जहाँ पर चावल की गुणवत्ता तथा पोषक तत्वों का अध्ययन किया जा सकता है।

लाभ

  • यह संस्थान दक्षिण एशिया व सार्क क्षेत्र में चावल अनुसन्धान व प्रशिक्षण के लिए हब के रूप में कार्य करेगा।
  • यह संस्थान फसल उत्पादन, बीज की गुणवत्ता तथा पोषक गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
  • यह केंद्र किसानों के ज्ञान में वृद्धि करने तथा उनकी आय में वृद्धि करने के लिए किसानों तक अपने शोध कार्य को पहुँचायेगा।
  • यह केंद्र चावल की खेती करने वाले किसानों के जीवन यापन को बेहतर करने तथा कुपोषण इत्यादि की समस्या को दूर करने के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

,


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=अंतर्राष्ट्रीय_चावल_अनुसन्धान_केंद्र&oldid=636528" से लिया गया