सबै कहावैं लसकरी -रहीम  

सबै कहावैं लसकरी, सब लसकर कहं जाय ।
‘रहिमन’ सेल्ह जोई सहै, सोई जगीरे खाय ॥

अर्थ

सैनिक कहलाने में सभी को खुशी होती है, सभी सेना में भरती होना चाहते हैं, पर जीत और जागीर तो उसी को मिलती है, जो भाले के वार (फूलों की तरह) सहर्ष अपने ऊपर झेल लेता है।


रहीम के दोहे

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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