एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

भ्रम और संदेह  

किसी बात पर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई हो, निश्चय न हो पा रहा हो तो 'संदेह' पैदा होता है, जबकि कुछ का कुछ समझ लेना 'भ्रम' है। भ्रम में निश्चित रूप से ग़लत समझ लेने की स्थिति होती है, पर संदेह में निश्चय का अभाव होता है। उदाहरणार्थ- 'मुझे संदेह है कि वह इतना सारा काम आज पूरा कर पाएगा', 'इस भ्रम में मत रहिए कि नेताजी अपना किया वादा निभाएँगे।'


इन्हें भी देखें: समरूपी भिन्नार्थक शब्द एवं अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=भ्रम_और_संदेह&oldid=619334" से लिया गया