मेरा कितना ख़्याल रक्खा है
उसने खुद को संभाल रक्खा है
दर्द से दोस्ती है बरसों की
दर्द सीने में पाल रक्खा है
मेरी दरियादिली ने ही मुझको
गहरे दरिया में डाल रक्खा है
उसने मुश्किल का हल बताने में
और मुश्किल में डाल रक्खा है
घर की बढ़ती ज़रुरतों ने उसे
घर से बाहर निकाल रक्खा है